Desh Deshantar : एक देश-एक चुनाव | One Nation One Election
एक देश-एक चुनाव को लेकर देश में चर्चा चल रही है कुछ राजनीतिक दल इसके पक्ष है तो कुछ इसके खिलाफ और कुछ दलों ने अभी इस पर अपनी राय ज़ाहिर नहीं की है। 1951 से 1967 तक देश में लोकसभा और विधान सभा के चुनाव एक साथ हुए। लेकिन उसके बाद राज्य सरकारे अपने 5 साल के कार्यकाल से पहले ही गिरने लगी और गठबंधन टूटने लगे और फिर देश में विधानसभा और लोक सभा चुनाव अलग-अलग होने लगे। अब पीएम नरेंद्र मोदी और सत्ताधारी बीजेपी ने एक साथ चुनाव कराने को लेकर अपनी राय जताई है। तर्क है कि इससे देश का समय और पैसा बचेगा और और अलग-अलग चुनाव से विकास थम जाता है। क्योंकि आचार संहिता लागू होने से विकास पर असर होने लगता है। वहीं चुनाव आयोग के अनुमानों के मुताबिक लोकसभा, विधानसभा चुनावों पर करीब 4,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाते है ।
Anchor - कवींद्र सचान
Guest-
पी के मल्होत्रा, पूर्व सचिव, कानून मंत्रालय, भारत सरकार
डॉ. एस वाई कुरैशी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग
सत्य प्रकाश, लीगल एडिटर, द ट्रिब्यून
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